Brahmanvad ki aad me Gulamgiri
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Description
ब्राह्मणवाद की आड़ में गुलामगीरी
ब्राह्मणवाद एक सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था है जो भारतीय समाज में प्रचलित है। इस व्यवस्था में ब्राह्मणों को सबसे ऊँचा और प्रमुख स्थान दिया जाता है, जबकि अन्य वर्णों को निचला स्थान प्राप्त करना पड़ता है। इस प्रकार का व्यवस्थापन गुलामी के सिद्धांत के खिलाफ है, जहां एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के अधीनता में रहना पड़ता है।
गुलामगीरी एक अन्यायपूर्ण और न्याय के विपरीत व्यवस्था है, जहां एक व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता और अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। यह एक अधिकारों की चीन लेने वाली प्रक्रिया है और व्यक्ति को उसकी मूल इच्छाओं और स्वाभाविक गुणों से वंचित कर देती है।
ब्राह्मणवाद की आड़ में गुलामगीरी एक विरोधाभासी और न्यायपूर्ण व्यवस्था है। इसके तहत, अन्य वर्णों को न्याय और समानता से वंचित किया जाता है और उन्हें ब्राह्मणों की अधीनता में रहना पड़ता है। यह एक सामाजिक और आर्थिक न्याय के खिलाफ है और समाज के विकास और समृद्धि को रोकती है।
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