Jaat Paat ka Vinash

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Description

जात-पात का विनाश – डॉ. बी.आर. अम्बेडकर

जात-पात का विनाश एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसे महान सामाजिक सुधारक डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने लिखा है। यह पुस्तक भारतीय समाज में जाति व्यवस्था और जाति-पात के खिलाफ एक जबरदस्त आवाज उठाती है।

डॉ. अम्बेडकर ने इस पुस्तक में जाति व्यवस्था के विपरीत व्यवहार और जाति-पात के प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की है। वे समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं और इसे एक भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाते हैं।

इस पुस्तक में डॉ. अम्बेडकर ने अपने विचारों को एक स्पष्ट और सुरक्षित ढंग से प्रस्तुत किया है। वे जाति-पात के उच्चारण की महत्वता पर भी बल देते हैं और इसे एक समस्या के रूप में उठाते हैं।

यह पुस्तक विभिन्न अध्यायों में विभाजित है, जो विभिन्न विषयों पर विचार करते हैं। डॉ. अम्बेडकर के विचारों को समझने के लिए इस पुस्तक को पढ़ना अत्यंत आवश्यक है।

जात-पात का विनाश एक महत्वपूर्ण सामाजिक ग्रंथ है, जो भारतीय समाज को जाति व्यवस्था और जाति-पात के खिलाफ जागरूक करने का उद्देश्य रखता है।

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