Shudron Ki Khoj
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Description
डॉ. अम्बेडकर
डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर, भारतीय संविधान के मुख्य रचयिता और भारतीय समाज के एक प्रमुख समाजशास्त्री थे। उनकी महत्वपूर्ण योगदानों में से एक उनकी “शूद्रों की खोज” नामक पुस्तक है। यह पुस्तक शूद्रों के अधिकारों और समानता के विषय में एक महत्वपूर्ण विचारधारा प्रस्तुत करती है।
शूद्रों की खोज: विचारधारा और सन्दर्भ
इस पुस्तक में डॉ. अम्बेडकर ने शूद्रों के इतिहास, सामाजिक स्थिति, और उनके अधिकारों की महत्वपूर्णता पर विचार किए हैं। वे शूद्रों के लिए समानता, न्याय, और अधिकारों की मांग करते हैं और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए लड़ते हैं।
शूद्रों की खोज: पुस्तक की महत्त्वपूर्ण विशेषताएं
यह पुस्तक शूद्रों के अधिकारों को समझने और उन्हें समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इसमें विभिन्न विषयों पर अध्ययन किया गया है, जैसे कि शिक्षा, रोजगार, न्याय, धर्म, और राजनीति। यह पुस्तक शूद्र समाज के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने में मदद करती है और समाज में सामान्यता और न्याय की प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
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